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मेरी माँ मेरी जन्नत।

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 जन्नत क्या है ? कहाँ है? क्या सच में होती है?  इसका जवाब अगर  सोच समझकर दिया जाय तो जवाब हैं हाँ।  जन्नत होती है।  Image from internet एक बार जरा फिर सोचिये  जब हम अपने parents की खैरियत में होते है, जब हम उनकी नजरो से ओझल हुए बिना बेफिक्र झूमते हैं।  जब वक़्त कैसा भी हो, हालात कैसे भी हो सर्दी हो या गर्मी ,धुप हो या छाव हमे कभी किसी बात का गम नहीं होता कोई शिकायत नही होती क्योंकि हम जानते हमारी प्यारी प्यारी माँ हमे कुछ नही होने देगी।  उनके होते  हमे कोई डर नही होता ।यानी जब हमारे साथ उनका साथ होता है।  वो पल जन्नत है यार.....! न जाने इस दुनिया में कितने धर्म है जो जन्नत की अपनी अपनी परिभाषा, मतलब बताते  हैं।  कोई कहता   मरने के बाद  परमात्मा तुम्हे कर्मों का हिसाब करके जन्नत भेजेंगे कोई कहता हैं  नदियों में नहा से लेने से मरने के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती हैं ।  मैं कहता हूँ एक बार  अपनी माँ की नजरो से नजर मिलाकर उनके पैर में झुक कर देखो । उनके  चेहरे पर   जो  उस वक़्त ...

जरुरी है अपने हैंडसेट सहित सभी डिजीटल उपकरणों को साफ़ रखना।

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Hello freinds Welcome to my Blog. घर से निकलते वक़्त क्या आप।बिना फ़ोन के  निकल सकते है और सोचिये अगर चार्ज कम हो तो दिमाग तो ख़राब होगा ही। जिस फ़ोन से हम इतना प्यार करते है जिसने हमारी ज़िंदगी को बदल कर रख दिया। जो divice आज  आधुनिक ज़माने की लाइफलाइन बन गयी है उसकी सुरक्षा को  कैसे सुनिश्चित करते  हैं आप? ये तो हम सभी को पता है की डिजिटल उपकरणों का अधिक उपयोग हमारी सेहत के लिए हानिकारक है।  आइये  समझने की कोशिश करते है कितना सुरक्षित हमारा प्यारा प्यारा स्मार्टफोन । कितनी साफ़ है इसकी LCD और आईपीएस डिस्प्ले ।  जो हमे दमदार ग्राफ़िक्स  दिखाती है।  आपके फोंन की स्क्रीन पर हो सकते हैं  toilet से भी ज्यादा bacteria और अन्य सूक्ष्म जीव   इसका प्रत्यक्ष कारण है toilet इस्तेमाल करने के बाद उसे cleaner से साफ़ किया जाता है। हम खाना खाने से पहले हाथ साफ़ करते है । लेकिन कभी भी phone चलाने के लिए साफ़ हाथो का इस्तेमाल करने के बारे में नही सोचते है, रोजमर्रा की ज़िंदगी में कई चीजो को छूना, कई लोगो से हाथ मिलाना , सार्वजनिक...