मेरी माँ मेरी जन्नत।

जन्नत क्या है ? कहाँ है? क्या सच में होती है? इसका जवाब अगर सोच समझकर दिया जाय तो जवाब हैं हाँ। जन्नत होती है। Image from internet एक बार जरा फिर सोचिये जब हम अपने parents की खैरियत में होते है, जब हम उनकी नजरो से ओझल हुए बिना बेफिक्र झूमते हैं। जब वक़्त कैसा भी हो, हालात कैसे भी हो सर्दी हो या गर्मी ,धुप हो या छाव हमे कभी किसी बात का गम नहीं होता कोई शिकायत नही होती क्योंकि हम जानते हमारी प्यारी प्यारी माँ हमे कुछ नही होने देगी। उनके होते हमे कोई डर नही होता ।यानी जब हमारे साथ उनका साथ होता है। वो पल जन्नत है यार.....! न जाने इस दुनिया में कितने धर्म है जो जन्नत की अपनी अपनी परिभाषा, मतलब बताते हैं। कोई कहता मरने के बाद परमात्मा तुम्हे कर्मों का हिसाब करके जन्नत भेजेंगे कोई कहता हैं नदियों में नहा से लेने से मरने के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती हैं । मैं कहता हूँ एक बार अपनी माँ की नजरो से नजर मिलाकर उनके पैर में झुक कर देखो । उनके चेहरे पर जो उस वक़्त ...